पञ्चगव्यचिकित्सा:- ( गायकाघी, दूध, दही,गोबर, गोमूत्रद्वाराचिकित्सा)
#- #- क्षयरोग( टी. बीरोग)-- चव्य, सोंठ, कालीमिर्च,पीपल, वायविडंग, केसमभागचूर्णको3-4 मिलीग्राम कीमात्रालेकरशहदयागायकेघीमेमिलाकरखिलानेसेक्षयरोगमेलाभहोताहै।
#- #- प्रवाहिका- 5 से1ह0 मिलीग्रामचव्यादिघृतकासेवनकरनेसेप्रवाहिका, गुदभ्रंश, मूत्रकृच्छ, गिदशूल, वंक्षणशूल, आदिविकारोंमेंलाभहोताहै।
#- #- उदररोग- चव्यतथासोंठकेकल्क1-2 मिलीग्रामकोगायकेदूधकेसाथपिलानेसेपेटकीबिमारियोंमेंलाभहोताहै।
#- उदररोग- चव्य, चित्रक, शूण्ठीतथादेवदारुइनद्रव्योंसेबने10-20 मिलीग्रामक्वाथमें, 500 मिलीग्रामत्रिवृतचूर्णतथागोमूत्रमिलाकरपिलानेसेपेटकीबिमारियोंमेंलाभहोताहै।
#- मेदोरोग- चव्य, सोंठ, श्वेतज़ीराकालीमिर्च, पीपल, हींग, कालानमक, चित्रकइनकोसमभागमिलाकरचूर्णबनालें1-2 ग्रामचूर्णकोयवकेसत्तूमेंमिलाकरपीनेसेमेदरोगकाशमनहोताहैतथाजठराग्निप्रदीप्तहोताहै।
#- कामशक्तिवर्धनार्थ- चायकोसलाममिश्रीदालचीनीतथागायकेदूधकेसाथमिलाकरपकाकर15-20 मिलीग्राममात्रामेंपीनेसेकामशक्तिबढ़तीहै।
#- स्तन्यवर्धनार्थ( स्तन- थनकोबढ़ानेहेतू) - शालिचावलकेचूर्ण10 ग्राहमकोगायके250 ग्रामदूधकेसाथपकाकरपीनेसेप्रसूतास्त्रीमेंस्तन्यवृद्धिहोतीहै।
#- धानकेलावेंसेबनेसत्तूमेंशहद10 ग्रामव5 ग्रामगायकाघीमिलाकरसेवनकरनेसेयाशालिधानकेलावेकीयवागूमेंशहदमिलाकरसेवनकरनेसेउल्टियाँबन्दहोजातीहै।
#- चावल10 ग्रामकोपकाकरगायकेदूधसेबनातक्र( छाछ) 250 ग्रामकेसाथसेवनकरनेसेगर्मी, अत्यधिकप्यास, जीमिचलाना, अतिसारमेलाभहोताहै।
#- उदररोग( उदरकृमि- पेटकेकीड़े) - 10 ग्रामचावलकोभूनकररातभर250 ग्रामपानीमेंभिगोकरसुबहछानकरउसपानीकोपिलानेसेपेटकेकीड़ेमरजातेहै।
#- रक्तप्रदर- प्रतिदिनगायके250 ग्रामदूधमेभिगोयेंहुऐं10 ग्रामलालशालिचावलकोपीसकरउसमेंआवश्यकतानुसारशहदमिलाकरसेवनकरनेसेअतिप्रवृत्तरक्तप्रदरमेशीघ्रलाभहोताहै।
#- हड्डीटूटना- भग्नस्थानपरकुशाबंधनकर, शालिचावलकेआटेऔरशतधौतगौघृतकोआवश्यकतानुसारमिलाकरलेपकरनेसेलाभहोताहै।
#- अतिसार- चांगेरीकेपत्रोंकाचूर्णतथासमभागसोंठचूर्णतथाइन्द्रयवचूर्णमिलाकरचावलोंकेपानीकेसाथपीनेंकोदें।जबचूर्णपचजायतोगायकेदूधसेबनीछाछ(गौ- तक्र), चांगेरीतथादाड़िमकारसडालकरपकाईगयीयवागूसेवनकरायें।इससेअतिसारमेलाभहोगा।
#- चांगेरीके5 ग्रामपत्तोंकोउबालकर, गायकादूधयागायकेदूधसेबनीछाछ(गौतक्र) 250 ग्रामकेसाथदेनेसेपुरानीप्रवाहिकामेंबहुतलाभहोताहै।
#-अतिसार- चांगेरी, इमलीतथादुग्धिकाकेसमभागपत्र- स्वरससेनिर्मितखडयुषमेंगौ-दहीकीमलाई, गौघृततथाअनारकारसआवश्यकतानुसारमिलाकरसेवनकरनेसेअतिसारकाशमनहोताहै।
#- जीर्णअतिसार- चांगेरीपत्रों10 ग्रामकोगायके250 दूधयागौतक्र( छाछ) मेउबालकरदिनमें2-3 बारसेवनकरनेसेजीर्णअतिसारमेंलाभहोताहै।
#- अर्श( बवासीर) - निशोथ, दन्ती, पलाश, चांगेरीतथाचित्रककेपत्तोंकेशाककोगौघृतयातैलमेंमेभूनकरगौ-दहीमेमिलाकरसेवनकरनेसेशुष्कार्शमेलाभकरताहै।
#- गुदभ्रंश- चांगेरीकास्वरस50 ग्रामवगौघृत50 लेकरमिलाकरपकायेतथाचांगेरीरसजलनेकेबादघीकोउतारले, यहआपकाचांगेरीगौघृततैयारहै, इसचांगेरीघृतकोगुदभ्रंश, ग्रहणी! अर्श, अनाह, मूत्रकृच्छ, प्रवाहिकातथाकफवातजरोगोंमेंलाभहोताहै।
#- सुनिष्णकतथाचांगेरीघृतकामात्रानुसारसेवनकरनेसेजठराग्निकीवृद्धिहोकरअर्श, अतिसारप्रवाहिका गुदभ्रंश, मूत्राअवरोध, मूढ़वात, मंदाग्नितथाअरूचिआदिरोगोंकाशमनकरताहै।
#- अर्श- चांगेरीपञ्चांगकोगौघृतमेंसेंककरशाकबनाकरगौ-दहीकेसाथसेवनसेअर्शमेंलाभहोताहै।
#- चांगेरी, निशोथ, दन्ती, पलाश, चित्रकइन सबकीताज़ीपत्तियोंकोसमानमात्रामेंलेकरगौघृतमेंभूनकर , इसशाकमेंगौ- दहीमिलाकरखानेसेशुष्कार्शमेंलाभहोताहै।
#- त्वक्- विकार- पञ्चांगस्वरसमेकालीमिर्चतथागौघृतमिलाकरसेवनकरनेसेपित्तजन्यत्वकविकारोंमेलाभहोताहै।
#- उरूस्तंभ- चिलबिलबीजगिरीऔरसरसोंदोनोंकोगोमूत्रमेंपिसकरलेपकरनेसेउरूस्तंभमेंलाभहोताहै।
#- श्वित्र- समभागचिलबिल,अर्क, थूहर, आरग्वधतथाचमेलीकेपत्रोंकोगोमूत्रमेंपीसकरलेपकरनेसेसफेददाग, दाद, आसानीसेभरनेवालेघाव, बवासीरवनासूरमेलाभहोताहै।।
#- शिरशूल- चिरौंजी( कुड्डापाहआलमन्ड) कीगीरीकेसाथबादामगीरी, खजूर, ककड़ीबीजऔरतिलकोसमभागलेकरएकसाथपीसकरचूर्णबनालें, गौदुग्धकेसाथ5 ग्रामपिलानेसेशिरशूलकाशमनहोताहै।
#- कास- प्रितिश्याय- चिरौंजीकी5-10 ग्रामगीरीकोगौघृतमेंभूनकरपीसकर200 मिलीग्रामदूधमिलाकरउबाललें।उबालनेकेपश्चातउसमें500 मिलीग्रामइलायचीचूर्णवकिंचितशर्करामिलाकरपिलानेसेकासतथाप्रितिश्यायमेंलाभहोताहै।
#- अतिसार- 1-4 ग्रामचिरौंजी मूलएवंपत्रकोपीसकरउसमेंगायकेदूधसेबने मक्खनकोमिलाकरसेवनकरनेसेअतिसारकाशमनहोताहै।
#- तृष्णा( प्यास)- 5-10 ग्रामचिरौंजीबीजचूर्णमेंमिश्रीवगौतक्र( छाछ) मिलाकरखानेसेतृष्णाकाशमनहोताहै।
#- शीतपित्त- 5-10 ग्रामचिरौंजीकीगिरीकोखानेसेतथाचिरौंजीकीगीरीकोगौदुग्धमेंपीसकरमालिशकरनेसेशीतपित्तकाशमनहोताहै।
#- कामशक्तिवर्धनार्थ- 5-10 ग्रामचिरौंजीकेबीजकोपीसकरउसमेंमिश्रीमिलाकरगौदुग्धकेखानेसेवीर्यकीवृद्धिहोतीहै।शरीरकापोषणकरकेकामशक्तिकोबढ़ातीहै।
#- भल्लातकजन्यरोग- चिरौंजीबीजऔरकालेतिलको10-10 ग्रामलेकर250 मिलीग्रामगौदुग्धमेपीसकरछानकरमिश्रीमिलाकरप्रात: सायंपीनेसेवचिरौंजीबीजतथातिलकोगौदुग्धमेपीसकरलेपकरनेसेदाह, शोथ, कण्डुआदिभल्लातकजन्य- विकारोंकाशमनहोताहै।
#- नपुंसकता- 1 गिलासगौदूग्धमें5-10 ग्रामचिलग़ोज़ागीरीचूर्णतथामिश्रीमिलाकरपीनेसेवीर्यकापोषणहोताहैतथाकामशक्तिबढ़करनपुंसकतादूरहोतीहै।।
#- धातुदौर्बल्य- यहबृंहण, बलकारक, स्तम्भक, उत्तेजक, बाजीकारकतथापुष्टीवर्धकहोताहै, इसलिएधातुदौर्बल्यमें20-25 बीजगीरीकोगौदूग्धकेसाथसेवनकरनेसेलाभहोताहै।
#- चिलग़ोज़ा, बादाम, मुनक्का, छुहारातथाअंजीरकोमिलाकरगौदूग्धमेंपकाकरठंडाकरकेमिश्रीमिलाकरसेवनकरनेसेयहअत्यन्तपौष्टिक, शुक्रलतथाकामशक्तिवर्धकहोताहै।
#- दुर्बलता- चिलग़ोज़ाकी5-20 गीरीकोगौदूग्धकेसाथलेनेसेहाथो- पैरोंकीदुर्बलतादूरहोकरपौरुषबढ़ताहै।
#- ज्वर- 18 ग्रामत्रिफला, 18 ग्रामत्रिकटू, 18 ग्रामचित्रक, 18 ग्रामककुभमूल, 18 ग्रामसालिम, 18 ग्रामबाबूनापुष्प, 100 ग्रामद्राक्षा, 4 ग्रामचिलग़ोज़ामज्जा, 6 ग्रामनारियलकेकल्ककोपकाकरगाढ़ाकर, 375 ग्राममधुमिलाकरअवलेहबनाकर, 5-10 ग्रामअवलेहकोप्रात: सायंगौदूग्धकेसाथसेवनकरनेसेजठराग्निकीवृद्धिहोकरज्वरवमनतथाकासकाशमनहोताहै