कारण व लक्षण -
इस रोग में पशु धीरे- धीरे अलसाने लगता हैं । घुमरी (
घमेर ) आया करती हैं । पशु की बेचैनी बढ़ती जाती हैं । फिर एकाएक पशु ज़मीन पर गिर
जाता हैं और मूर्च्छित ( बेहोश ) हो जाता हैं ।
१ - औषधि - नमक १२५ ग्राम , सोंठपावडर १५ ग्राम , गुड़ डेढ़ छटांक ,
गन्धक चूर्ण डेढ़ छटांक , सभी को दो लीटर गरमपानी में मिलाकर रखें और ठण्डा होने पर नाल में
भरकर पशु को पिलाने से आराम आता हैं ।
२ - औषधि - हींग आधा तौला , कालीमिर्च पावडर ५ ग्राम , ज़ीरा पावडर १० ग्राम , अदरक पीसकर १ छटांक , सभी को मिलाकर गरम पानी में मिलाकर नाल द्वारा पिलाना चाहिए , दोनों दवाई के बीच तीन
घन्टे होना चाहिए । ये दोनों खुराक एक दिन ही दें सकते हैं ।
३ - औषधि - गाय का दूध १ लीटर में हल्दीपावडर १ छटांक मिलाकर पिलाने
से बिमार पशु को बहुत ही लाभ होता हैं । यह दवा दिन में तीन बार देना चाहिए ।
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