Tuesday, 1 March 2022

रामबाण 131

 अरबी, आलुकी  कोको यैम (Coco yam)

 

अरबी को कई लोग अरवी भी कहते हैं। यह एक सब्जी है, जिसे आप सभी खाते होंगे। यह आसानी से बाजार में मिल जाती है। इसका स्वाद अन्य सब्जियों से थोड़ा अलग होता है। सामान्यतः अरबी से दो तरह के पकवान बनाए जाते हैं, सूखी सब्जी (भुजिया), और रसदार सब्जी। कुछ लोग अरबी के पत्तों से भी कई तरह के व्यंजन बनाते हैं। लोगों को अरबी के बारे में यह जानकारी है नहीं है कि अरबी के सेवन से शरीर को अनेक फायदे होते हैं। क्या आप जानते हैं कि अरबी का प्रयोग कर आप कई रोगों का इलाज भी कर सकते हैं। अरबी की खेती कन्द, और पत्तों के लिए होती है। यह वातकारक है, इसलिए अरबी से बने व्यंजनों में वात के शमन के लिए अजवायन को डाला जाता है। यह वातकारक होते हुए भी हृदय रोगों में फायदेमंद होता है। इसके सेवन से शरीर को पौष्टिक तत्व मिलता है। अरबी को तेल में पकाकर खाने से इसका स्वाद बहुत ही उत्तम हो जाता है।

 

अरबी का वानस्पतिक नाम (Scientific Name of Arbi or Colocasia) कोलोकेसिया एस्कुलेन्टा (Colocasia esculenta (L.), Schott, Syn-Colocasia antiquorum Schott) है, और यह ऐरेसी (Aracea) कुल का है। दुनिया भर में अरवी को कई नामों से बुलाया जाता है, जो ये हैं-

Hindi – अरुई, घुइयां, कच्चु, अरवी, घूय्या, English इजिप्टियन ऐरम (Egyptian arum), क्रैच कोको (Scratch Coco), टैरो रूट (Taro root), एड्डोस (Eddoes), एलिफैन्टस् इयर (Elephant's ear) कोको यैम (Coco yam), टैरो (Taro), Sanskrit – कच्चू, आलुकी कहते है |

 

 

# - बालों का झड़ना -  बालों का झड़ना एक आम परेशानी है, जिससे कई लोग परेशान रहते हैं। महिला हो या पुरुष, सभी बालों को झड़ने से रोकने के लिए अलग-अलग तरह के उपाय करते हैं, लेकिन कई बार उपाय से पूरी तरह फायदा नहीं मिलता है। आयुर्वेद के अनुसार, अरबी के गुण से बालों का झड़ना रुक सकता है। अगर आपके बाल गिर रहे हों तो अरवी के कंद का रस निकालकर सिर पर मालिश करें। इससे बालों का गिरना बंद हो जाता है। 

 

# - सिरदर्द - कई लोगों को बराबर सिर दर्द की शिकायत रहती है। आप अरबी के गुण से सिर दर्द से आराम पा सकते हैं। अरबी कन्द के रस में गोतक्र ( छाछ ) या गोदधि ( दही ) मिला लें। इसे पीने से सिर दर्द से आराम मिलता है। 

 

*# - कान दर्द - कान बहने या कान के दर्द में भी अरवी का उपयोग कर सकते हैं। इन रोगों में अरबी के पत्ते के 1-2 बूंद रस को कान में डालें। इससे ना सिर्फ कान बहना रुक जाता है, बल्कि कान का दर्द भी ठीक हो जाता है |

 

*# - आंख रोग - आंखों के विभिन्न रोगों में अरबी का प्रयोग लाभ पहुंचाता है। आप अरबी के पत्तों और कन्द की सब्जी बनाकर सेवन करें। इससे आंखों के रोग में फायदा होता है। 

 

# गांठो व मांसपेसियों की सूजन - अरबी के गुण से सूजन की समस्या ठीक की जा सकती है। अरबी के पत्ते और इसकी डंडियों का रस निकाल लें। इसमें नमक मिला लें। इसका लेप करने से गांठों, और मांसपेशियों की सूजन ठीक हो जाती है। 

 

*# - अनिंद्रा - नींद न आने की परेशानी में अरबी के पत्तों, तथा कन्द का साग बनाकर सेवन करें। इससे अनिद्रा की परेशानी ठीक हो जाती है। 

 

# - कब्ज रोग - कब्ज एक ऐसी बीमारी है, जिससे कई लोग परेशान रहते हैं। पेट की इस बीमारी के कारण लोगों का खान-पान बहुत बदल जाता है। अरबी के गुण इस रोग में भी काम आते हैं। अरबी के कंद का काढ़ा बनाकर पिएं। इससे कब्ज की परेशानी ठीक होती है। 

 

# - दौर्बल्य - शारीरिक कमजोरी वाले लोग भी अरबी का सेवन कर सकते हैं। अरबी के छोटे कन्दों को भूनकर भर्ता बना लें। इसका सेवन करने से शरीर स्वस्थ होता है, तथा कमजोरी दूर होती है। 

 

# - भूख कम लगना - भूख कम लगती है, तो अरबी का प्रयोग कर फायदा ले सकते हैं। अरबी के पत्तों का जूस बना लें। इसमें दालचीनी, इलायची तथा अदरक डालकर पिएं। इससे भूख ना लगने की समस्या ठीक होती है। 

 

*# - उच्च रक्तचाप - उच्च रक्तचाप आज आम समस्या बन चुकी है। इसके कारण कई रोग होने की संभावना भी बढ़ जाती है। आप हाई ब्लडप्रेशर को अरबी के इस्तेमाल से ठीक कर सकते हैं। अरबी की सब्जी का सेवन करें। इससे उच्च रक्तचाप में लाभ होता है। 

 

*# -अतिसार - दस्त से परेशान रहने वाले लोग अरबी का प्रयोग करें। अरबी के पत्ते का काढ़ा बनाकर 10-15 मिली मात्रा में सेवन करें। इससे दस्त पर रोक लगती है। 

 

# - दांत दर्द - अनेक लोग दांतों के दर्द से परेशान रहते हैं। आपके भी दांतों में दर्द हो रहा है, तो अरवी का सेवन फायदा देगा।

 

# - घाव - किसी व्यक्ति का घाव ठीक नहीं हो रहा है तो अरबी का इस्तेमाल करना लाभ पहुंचाता है। अरबी के कोमल पत्तों के रस को निकालकर घाव पर लगाएं। इससे घाव से खून बहना रुक जाता है, और घाव भर जाता है। 

 

*# - कैन्सर - अरबी का सेवन आपको कैंसर के खतरे से बचने में सहयोगी होता है क्योंकि एक रिसर्च के अनुसार अरबी में कैंसर के विपरीत कार्य करने की क्षमता होती है |

 

*# - मधुमेह - अरबी के सेवन से मधुमेह में भी लाभ मिलता है, क्योंकि इसमें पाए जाने वाले टैनिन से  ग्लूकोज़ का पाक होता है, जिससे यह डायबिटीज को नियंत्रित  करने में मदद करती है साथ हि इसमें प्रमेहघ्न यानी यही मधुमेह को नियंत्रित करने वाला गुण भी होता है जो की शर्करा की मात्रा रक्त में सामान्य बनाये रखने में मदद करता है। 

 

# - त्वचारोग - अरबी के सेवन से कील-मुंहासे जैसे कुछ त्वचा संबंधी रोगों में भी लाभ मिलता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है जो त्वचा को किसी भी प्रकार के सूजन से बचाकर रखता है। इसमे मौजूद शीतल गुण त्वचा को हर प्रकार के संक्रमण यानि इन्फेक्शन या इन्फ्लमेशन में ठंडक प्रदान करती है और त्वचा को स्वस्थ बनाये रखती है।     

 

# - वजन का संतुलन - अरबी में फाइबर की मात्रा अधिक होने के कारण यह पाचन में मदद करता है। जिससे शरीर में फैट जमा होने की संभावनाए ना के बराबर हो जाती है। इससे ये वजन को नियंत्रित रखने में भी मदद करती है। इसमें गुरु गुण होने के कारण यह देर से पचती है और इसी वजह से अधिक भूख नहीं लगती जिससे वजन को नियंत्रित रखने में आसानी होती है।     

 

# - प्रतिरक्षी तंत्र (इम्यून सिस्टम) - अरबी प्रतिरक्षी तंत्र (इम्यून सिस्टम) के काम को बेहतर तरीके से करने में मदद करती है। इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व शरीर के लिए एक अच्छा पाचक एवं बल प्रदान करने वाला बनाते हैं।  

 

# - खाँसी व बलगम - अरबी में ग्लाइकोसाइड्स नामक तत्त्व पाया जाता है जिसकी मदद से यह खांसी में जमा होने वाले बलगम को शरीर के बाहर निकलने में मदद करती है।

 

# - भूख कम लगना व हृदय विकार - भूख कम लगती है तो अरबी के इस्तेमाल से फायदा ले सकते हैं। अरबी के पत्तों के डंठल से जूस बना लें। इसमें दालचीनीइलायची, तथा अदरक डालकर पिएं। इससे ह्रदय विकार ठीक होते हैं।

 

 * # - कीटदंश - ततैया या भिरड़ के काटे वाले स्थान पर अरबी के पत्ते के रस को लगाएं। इससे दर्द ठीक हो जाता है। 

 

*# - विषदंश - आप अरबी का उपयोग जहलीले जानवरों के काटने पर भी कर सकते हैं। जिस स्थान पर जहरीले जानवरों ने काटा या डंक मारा है, वहां अरवी की डंडियों का रस लगाएं। इससे लाभ होता है। 

 

# -अरबी का सेवन इस तरह से किया जा सकता है- घनकंद, पत्तों का प्रयोग होता है |

एक औषधि के रूप में अरवी का सेवन इस तरह किया जा सकता है- अरबी के कंद का रस की मात्रा- 5 मिली , तथा अरबी का काढ़ा- 10-15 मिली, और अरबी के पत्ते का रस – 1-2 बूंद (बाहरी प्रयोग के लिए)

 

# - प्रयोग - अरबी का इस्तेमाल करते समय विशेष रूप से इस बात का ध्यान रखना जरूरी हैः-

अरबी के पत्ते, और कंद में कैल्शियम ऑक्जलेट होता है, जिसके सेवन से गले, तथा मुंह में सुई चुभने जैसी खुजली हो सकती है। इसलिए अरवी का सेवन पानी में उबालकर करें। इसे विधिपूर्वक बनाएं, तथा इसकी मात्रा सही होनी चाहिए। इससे आप अरबी के नुकसान से बच सकते हैं।

# - नुकसान - अरबी से वैसे तो कोई नुक्सान नहीं होता है परन्तु यदि अधिक मात्रा में इसका सेवन कर लिए जाए तो यह बदहजमी या गैस का कारण बन सकती है, क्योंकि यह पचने में भारी होती है।    

 

# - लाभ - अरबी में फाइबर, कैल्शियम, विटामिन्स,स्टार्च आदि पोषक तत्त्व पाए जाते है। इसमें प्रोटिन्स की मात्रा इतनी अधिक नहीं होती है। कहने का मतलब यह है कि यदि सामान्य मात्रा में खाया जाए तो यह सुपाच्य होती है।  

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