Wednesday 23 November 2016

घुमना रोग

कारण व लक्षण –
इस रोग में पशु एक स्थान पर घुमता रहता हैं । उसे बेहोशी हो जाती हैं । बाँधने पर पशु बंधी रस्सी के सहारे खड़ा होता हैं । ऐसा मालूम होता हैं कि उसे आँखों से दिखाई नहीं पड़ रहा हो तो इस रोग में पशु ऐसे घुमता है जैसे कुम्हार अपना चाक घुमाता हैं । इसे ही घुमना रोग कहते हैं ।

१ - औषधि - गाय का दूध १ लीटर में हल्दीपावडर १ छटांक मिलाकर दिन में कम से कम ३ बार पिलाना चाहिए । अधि से अधिक ५-६ बार पिलाना चाहिए ।

२ - औषधि - बकरी का दूध १ लीटर , हल्दीपावडर १ छटांक मिलाकर दिन में ५-६ बार पिलाने से पशु को आराम आता हैं ।

३ - औषधि - असली मलयगिरी चन्दन को पत्थर पर घिसकर १-१ छटांक दिन में ५-६ बार पिलाने से भी लाभ होता हैं ।

४ - औषंधि - अलसी १२५ ग्राम की मात्रा को भिगोकर दिन में ३ बार पिलाने से भी लाभ होता हैं ।

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