Thursday 24 March 2022

रामबाण –141

बड़ी इलायची (Indian cardamom)

 

बड़ी इलायची (Badi Elaichi) के फल, सुगंध और काले रंग के बीजों से भला कौन अपरिचित हो सकता है। भारतीय रसोई में यह इस तरह से रची बसी है कि इसका प्रयोग मसालों से लेकर मिठाइयों तक में किया जाता है। इसके बीजों का प्रयोग मसालों के रूप में किया जाता है। आमतौर पर लोग केवल इतना ही जानते हैं कि बड़ी इलायची का इस्तेमाल मसाले में होता है और बड़ी इलायची का सेवन व्यंजन को स्वादिष्ट बनाता है, लेकिन सच यह है कि बड़ी इलायची का औषधीय प्रयोग भी किया जाता है। इसे काली इलायची (Black Elaichi) के नाम से भी जाना जाता है। आुयर्वेद के अनुसार, बड़ी इलायची पित्त शांत करने वाली, नींद लाने वाली, भोजन में रूचि पैदा करने काम करती है। यह हृदय एवं लीवर को स्वस्थ बनाती है। बड़ी इलायची भूख बढ़ाती है, भोजन को पचाती है, मुँह के बदबू को दूर करती है। यह पेट की गैस को खत्म करती है, उल्टी बंद करती है, घावों को भरती है। इसके प्रयोग से पेशाब खुल कर आता है, बुखार उतर जाता है।

इसकी एक प्रजाति मोरंग इलायची भी होती है। आयुर्वेद के अनुसार, बड़ी इलायची की तासीर यानी उसका वीर्य उष्ण यानी गरम होता है। बड़ी इलायची की मुख्य प्रजाति के अतिरिक्त एक और प्रजाति पाई जाती है जिसका प्रयोग चिकित्सा के लिए किया जाता है

 

1.  Amomum subulatum (बड़ी इलायची),2 . Amomum aromaticum Roxb. (एलाकर्पूर)

बड़ी इलायची का लैटिन नाम एमोमम् सुब्युलेटम (Syn-Cardamomum subulatum (Roxb.) Kuntz.,   Amomum subulatum Roxb.) है। यह जिंजिबेरेसी (Zingiberaceae) कुल का है। English (Badi Elaichi In English) – इण्डियन कार्डेमम (Indian cardamom), ब्लैक कार्डेमम (Black cardamom), बेंगाल कार्डेमम (Bengal cardamom), Nepal or Greater cardamom (नेपाल अथवा ग्रेटर कार्डेमम),Hindi (Black Cardamom In Hindi) – बड़ी इलायची, पूर्वी इलायची, लाल इलायची,Sanskrit – स्थूला, बहुला, पृथ्वीका, त्रिपुटा, भद्रैला, बृहदेला, चन्द्रबाला, दिव्यगंधा, निष्कुटि, स्थूलैला कहते है |

 

*# - सिरदर्द -  ( टोटका ) बड़ी इलायची को पीसकर ललाट पर लेप करने से एवं बीजों को पीसकर सूंघने से सिरदर्द ठीक होता है।

 

*# - दांत दर्द -  बड़ी इलायची और लौंग तेल को बराबर-बराबर मात्रा में ले। इसे दांतों पर मलने से दांत का दर्द ठीक होता है।

 

# - दांत दर्द  -  4-5 बड़ी इलायची के फल को 400 मिली पानी में उबाल लें। इस काढ़ा से कुल्ला करने से दांत दर्द ठीक होता है।

 

# - दांत रोग व मुह की सूजन -  2-3 बड़ी इलायची के छिलकों को पीसकर खाने से दांत की बीमारियों तथा मुँह के सूजन में लाभ होता है।

 

*# - दांत दर्द व मसूडों की तकलीफ -  बीज के काढ़े का कुल्ला एवं गरारा करने से दांत और मसूड़ों की तकलीफ ठीक होती है।

 

*# - यदि मुँह में अधिक थूक आता हो या लार बहती हो -   यदि मुँह में अधिक थूक आता हो या लार बहती हो तो बड़ी इलायची और सुपारी को बराबर-बराबर पीसकर मिला लें। इसेहो जा 1-2 ग्राम मात्रा में लेकर चूसते रहने से थूक कम बनता है और लार का बहना बंद ता है।

 

# - श्वास रोग -  5-10 बूंद बड़ी इलायची तेल में मिश्री मिलाकर नियमित सेवन करने से सांसों के रोग में लाभ होता है।

 

*# - हिचकी -  एक कप पानी में दो बड़ी इलायची पीसकर उबालें। आधा बच जाने पर छानकर ठंडा होने दें। इसे पिलाने से हिचकी में तुरंत लाभ होता है।

 

*# - पाचनशक्तिवृद्धि -   दो ग्राम सौंफ के साथ बड़ी इलायची के 8-10 बीजों का सेवन करने से पाचन-शक्ति बढ़ती है।

 

*# - केला खाने से अजीर्ण – ( टोटका ) अधिक केले खाने पर यदि अजीर्ण हो जाए तो 1-2 बड़ी इलायची खाने से पाचन ठीक हो जाता है।

 

*# - पाचनशक्ति वृद्धि -  बड़ी इलायची बीज के चूर्ण और सोंठ के चूर्ण को समान मात्रा में मिला लें। इसे 5 ग्राम मात्रा में सेवन करने से पाचन शक्ति बढ़ती है।

 

*# - गर्भवती स्त्री को भूख ना लगने की परेशानी -   एक ग्राम बड़ी इलायची बीज चूर्ण में 4 ग्राम मिश्री मिलाकर 1 ग्राम सुबह और शाम सेवन करने से गर्भवती स्त्री को भूख ना लगने की परेशानी में लाभ होता है।

 

# - पेट दर्द -  बड़ी इलायची के 5 ग्राम बीज चूर्ण को काले नमक के साथ सेवन करने से पेट दर्द और पेट की गैस में लाभ होता है।

 

*# - पेशाब का बंद लगना -  0.5-1 ग्राम बड़ी एला चूर्ण को 15-25 मिली कांजी के सेवन करने से पेशाब बंद होने से होने वाले गैस में लाभ होता है।

 

# - पेट दर्द -  5 ग्राम बड़ी इलायची चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर खाने से पेट दर्द में लाभ होता है।

 

# - पेट  दर्द -  1-2 बड़ी इलायची के चूर्ण को दिन में तीन बार नियमित सेवन करने से पेट के दर्द में आराम होता है।

 

*# - उलटी -  बड़ी इलायची और पुदीना को बराबर-बराबर मिला लें। इसे 2-3 लीटर पानी में उबालकर थोड़ा-थोड़ा सेवन करने से उल्टी बंद होती है।

 

*# - उलटी -  5 ग्राम बड़ी इलायची के बीज चूर्ण का सेवन करने से उल्टी रुकती है।

 

# - पेचिश -  एक ग्राम बड़ी इलायची बीज चूर्ण को 10 ग्राम बेलगिरी के साथ मिलाकर सुबह और शाम सेवन करने से पेचिश में लाभ होता है।

 

# - हैजा व पेचिश -  5-10 बूंद बड़ी इलायची के अर्क का सेवन करने से हैजा और पेचिश में लाभ होता है।

 

# - लीवर रोग -  पिसी हुई राई के साथ बड़ी इलायची चूर्ण मिला लें। इसे 2-3 ग्राम की मात्रा में नियमित सेवन करने से लीवर की समस्या में लाभ होता है।

 

*# - लीवर रोग -  1-2 ग्राम बड़ी इलायची चूर्ण का नियमित सेवन करने से लीवर विकार ठीक होते हैं।

 

*# - मूत्रकृच्छ -   बड़ी इलायची के बीज के चूर्ण में समान भाग मिश्री मिला लें। इसे 2-3 ग्राम की मात्रा में रोज सुबह और शाम सेवन करने से पेशाब खुल कर आने लगता है।

 

*# - पेशाब की जलन व पेशाब ना आने की समस्या दूर -   10 नग छिलकों सहित बड़ी इलायची को लेकर मोटा-मोटा कूट कर 250 मि.ली. गाय का दूध और 250 मि.ली. जल के साथ पकाएं। आधा बचने पर छानकर उसमें थोड़ी मिश्री मिलाकर दिन में चार बार पिलाएं। इससे पेशाब की जलन व पेशाब ना आने की समस्या दूर होती है।

 

*# - पथरी -  बड़ी इलायची के बीज के चूर्ण में खरबूजों के बीज का मगज और मिश्री मिला लें। इसे 2-3 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से पथरी टूट-टूट कर निकल जाती है।

 

*# - नपुंसकता -  बड़ी इलायची के बीज के चूर्ण, सफेद मूसली और मिश्री को मिलाकर 2-3 ग्राम की मात्रा में नियमित सुबह और शाम सेवन करने से नपुंसकता में लाभ होता है।

 

* # - स्वप्नदोष -  आँवले के 20 मि.ली. रस में एक ग्राम बड़ी इलायची के दाने और इसबगोल बराबर मात्रा में मिला लें। इसे 1-1 चम्मच सुबह-शाम सेवन करें। इसे स्वप्नदोष में लाभ होता है।

# - कुष्ठ रोग -  बड़ी इलायची, चित्रक मूल, कुंदरू, अडूसा की पत्ती, निशोथ, मदार की पत्ती लें। इनमें सोंठ मिलाकर सभी का चूर्ण बना लें और इसके साथ पलाश क्षार को गोमूत्र में घोल लें। आठ दिनों तक पलाश क्षार भिगो कर छाया में सुखाते रहें। सभी का लेप बना लें। इस लेप को शरीर पर लगाकर तब तक धूप में बैठें, जब तक यह सूख न जाए। सूखने के बाद स्नान कर लें। इससे कुष्ठ रोग में लाभ होता है।

 

*# - फोड़ा -  बड़ी इलायची, जायफल तथा नीले थोथे के चूर्ण को गाय के घी में पीसकर लेप लगाने से त्वचा का फोड़ा ठीक होता है।

 

*# - बुखार -  बड़ी इलायची के बीज 2 भाग तथा बेल के जड़ की छाल एक भाग को मिलाकर मोटा-मोटा कूटकर चूर्ण बना लें। एक चम्मच चूर्ण को एक कप गाय का दूध और पानी में मिलाकर पकाएं। केवल दूध बच जाने पर 20 मि.ली. की मात्रा में सुबह, दोपहर तथा शाम सेवन करने से बुखार ठीक होता है।

 

*# - केंसररोधी -  एक रिसर्च के अनुसार बड़ी इलाइची में एंटी कैंसर और इम्यूनोसप्परेसर यानि प्रतिरक्षा क्षमता बढ़ाने वाले गुण पाए जाते हैं। इसी वजह से यह कैंसर के लक्षणों को कम करने में भी सहायता करती है। 

# - मुंह का अल्सर -  अल्सर की परेशानी पाचन के खराब होने के कारण होती है। बड़ी इलाइची में दीपन गुण होने के कारण यह आपके पाचन को स्वस्थ रखती है साथ ही मुखशोधन गुण होने के कारण मुँह के अंदर की सभी परेशानियों को दूर करने में मदद करती है और मुँह को अंदर से स्वच्छ रखती है। 

 

*# - झुर्रिया -  एक रिसर्च के अनुसार बड़ी इलायची में पाए जाने वाले एंटी ऑक्सीडेंट गुण के कारण यह त्वचा की झुर्रियों को दूर रखने एवं निखार में सहयोगी होती है।  

 

# - हाईब्लडप्रेसर -  एक रिसर्च के अनुसार बड़ी इलायची एंटी ऑक्सीडेंट होने के कारण हाई ब्लड प्रेशर को काम करने में भी सहयोगी होती है।  

 

# - उपयोगी अंग – बीज , फल , तथा बीज तेल |

# - मात्रा प्रयोग -  चूर्ण – 1-3 ग्राम |

 

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