Monday 7 March 2022

रामबाण योग 135

आडू ( आरुक ) Peach tree (पीच ट्री)

 

आडू गर्मियों के मौसम का फल है और इसका सेवन सेहत के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है। पीले और लाल रंग का यह फल आकार में काफी हद तक सेब जैसा लगता है। आडू में फाइबर, विटामिन, खनिज और पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मिलते हैं। इसलिए हर उम्र के लोगों को आडू खाने की सलाह दी जाती है। इस लेख में हम आपको आडू के फायदे, नुकसान और औषधीय गुणों के बारे में बता रहे हैं। आडू या पीच के पेड़ की लम्बाई छोटी होती है। इसके पेड़ में से गोंद निकलता है और इसकी गिरी में से एक ख़ास किस्म का तेल निकाला जाता है जो कड़वे बादाम तेल की तरह होता है। इससे निकलने वाले गोंद और तेल काफी उपयोगी हैं। इसके अलावा आडू के पेड़ की छाल का इस्तेमाल रंगने के काम में किया जाता है। 

 

आडू का वानस्पतिक नाम Prunus persica (L।) Batsch (प्रूनस पर्सिका) Syn-Amygdalus  persica Linn।है और यह Rosaceae (रोजेसी) कुल का है। English :   Peach tree (पीच ट्री), नेक्टैरिन (Nectarine), Sanskrit –आरुकम्, पिचुकम्, Hindi : आलूका, आड़ू कहते है |

 

*# - डायबिटीज व बवासीर -  आयुर्वेद के अनुसार आडू का फल कषाय, मधुर, अम्ल, उष्ण, गुरु तथा पित्तकफशामक होता है। यह फल डायबिटीज, और बवासीर के इलाज में मदद करता है। आडू का पका हुआ फल स्वाद में मधुर और स्वभाव में गुरू (भारी) होता है। यह कफ और पित्त को कम करने में भी मदद करता है। यह रुचिकर, धातुवर्धक, बृंहण, हृद्य तथा शीघ्र पचने वाला है। 

 

*# - कान दर्द -   कान में दर्द होना एक आम समस्या है, अगर आप कान दर्द से परेशान हैं तो आडू का फल आपके लिए उपयोगी है। कान के दर्द से आराम पाने के लिए आडू के बीज से तैयार तेल की एक दो बूंदें कान में डालें। 

 

*# - कब्ज रोग -  गलत खानपान और अनियमित जीवनशैली के कारण अधिकांश लोग कब्ज की समस्या से परेशान रहते हैं। कब्ज के कारण लोगों को शौच के दौरान काफी कठिनाई होती है। इस समस्या से बचने के लिए आप आडू के फल का सेवन करें। रोजाना रात में सोने से पहले छिलका सहित एक आडू खाएं। ऐसा नियमित करने से कब्ज की समस्या दूर हो जाती है। 

 

*# - पेट के कीड़े -  पेट में कीड़े पड़ने की समस्या हो या फिर पेट दर्द , आडू इन समस्याओं में राहत दिलाने में मदद करता है। 10-20 एमएल आडू के रस में 500 मिलीग्राम अजवाइन चूर्ण और 125 मिलीग्राम हींग मिलाकर पीने से पेट दर्द से आराम मिलता है और पेट के कीड़े भी खत्म होते हैं। 

 

*# - किडनी की पथरी -  पथरी के मरीजों को अपने खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। आडू खाने से किडनी की पथरी के इलाज में मदद मिलती है। अगर आप किडनी की पथरी के मरीज हैं तो रोजाना आडू खाएं इससे पथरी छोटे छोटे टुकड़ों में टूटकर शरीर से बाहर निकल जाती है। 

 

# - मासिक धर्म -  अगर आप माहवारी के दौरान तेज दर्द की समस्या से परेशान रहती हैं तो आपको आडू का उपयोग करना चाहिए। आडू, माहवारी में होने वाले दर्द को दूर करने में सहायक है। इसके लिए 1-2 ग्राम बीज चूर्ण या पत्तों का शीतकषाय बनाकर 20 मिली मात्रा में नियमित सेवन करें। 

 

# - त्वचा रोग -  त्वचा संबंधी रोगों के इलाज में भी आडू का उपयोग फायदेमंद है। त्वचा संबंधी रोगों के लिए आडू की गुठली के तेल का उपयोग करें। 

 

*# - घाव -  आडू के उपयोग से घाव ठीक हो जाते हैं।  आडू के पत्तों को पीसकर घाव पर लगाएं। ऐसा करने से घाव कुछ ही दिनों में ठीक हो जाते हैं। 

 

# - गठिया रोग -  बढ़ती उम्र में गठिया की शिकायत होना आम समस्या है। इस रोग के कारण जोड़ों और घुटनों में दर्द होने लगता है। अगर आप गठिया के दर्द से परेशान हैं तो आड़ू के तने की छाल को पीसकर जोड़ों पर लगाएं। इसे लगाने से गठिया का दर्द दूर होता है। 

 

*# - पसीने की दुर्गन्ध -  पसीने की बदबू की वजह से कई बार आपको सार्वजानिक स्थलों पर शर्मिंदा होना पड़ता है। इस समस्या से निजात पाने के लिए आप आडू का उपयोग कर सकते हैं। आड़ू के पत्तों को पीसकर, शरीर पर मल लें। इसके बाद  गुनगुने पानी से शरीर को धो लें। ऐसा करने से पसीने की दुर्गंध दूर हो जाती है। 

       

*# - बच्चों के पेट के कीड़े -  बच्चों के पेट में कीड़े पड़ जाने पर बच्चे बहुत परेशान हो जाते हैं। इन कीड़ों की वजह से बार-बार पेट में दर्द होने लगता है। इस समस्या से निजात पाने के लिए आडू के पत्तियों का रस निकालें और इसकी 1-2 एमएल मात्रा बच्चों को पिलाएं। यह पेट के कीड़ों को खत्म करने का एक कारगर घरेलू उपाय है।

 

# - उपयोग के दृष्टि से देखा जाए तो आडू के पेड़ के निम्न हिस्से सेहत के लिए क्यादा गुणकारी हैं। 

पत्तियां, फल, गुठली, तने की छाल का प्रयोग होता है |

 

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