Monday 25 May 2020

सतावर खाने के बाद गाय के दूध के चमत्कारिक गुण :-

भारतीय  गाय की उन्नत नश्ल को कैसे पैदा करे व गाय को शतावर खिलाने से  उसके दूध के गुण बढ़ाकर सैकड़ों बिमारी का निदान कैसे करें ।
 
गाय जब हीट पर आती है तो हमें सबसे पहले विचार यह करना है कि यदि हमारी गाय 10 लीटर दूध देती है तो गर्भाधान के लिए हमें ऐसे नंदी (साण्ड ) की आवश्यकता पड़ेगी जिसकी माता ने कम से कम 15 से 20 लीटर दूध दिया हो ।और साण्ड को एक माह पहले से हम शतावर 50 ग्राम व अश्वगन्धा -50 ग्राम, बिदारीकन्द - 50 ग्राम , केवाच ( कौंच ) 10 ग्राम सफ़ेद मूसली -10 ग्राम लेकर कुटपीसकर चूर्ण बनाकर गाय के 2किलो दूध में पकाकर जब एक किलो रह जाये तब दूध को ठन्डा करके 100 ग्राम शहद मिलाकर नन्दी ( साण्ड ) को प्रतिदिन पिलाये और यदि गाय से बछडी ( बछिया ) चाहिए तो कृष्णपक्ष ( अंधेरी रात्रि ) मे नंदीशाला में छोड़ दें , यदि आपको बछड़ा चाहिए तो शुक्लपक्ष ( चाँदनी रात ) के दिनों मे गाय को नंदीशाला में गर्भाधान के लिए तीन दिन के लिए छोड़ दे । 
अब हमारी गाय जिसका गर्भाधान हो चूका है तो हम उसे प्रतिदिन 60 ग्राम शतावर ( कच्ची हो तो अच्छा है वरना पावडर लेवें ) खिलाना शुरू करे इससे गाय की गर्भाधान की कोई भी समस्या हो वह दूर करेगी व गर्भस्थ शिशु को स्वस्थ व मज़बूत करेगी तथा गाय का गर्भ नही गिरेगा,गाय की भूख बढ़ेगी ,शतावर खाने से गाय बहुसुता ( अधिक बार बच्चे देगी ) होगी तथा गाय का बच्चा निरोगी होगा व मरेगा नही , बच्चा पैदा होते ही उसके मुँह से पुरानी लार व झाग निकालकर साफकर दें व बच्चे को 5-7 मिनट के अन्दर ही गाय के थनों को पकड़ाकर दूध पिलाने से बच्चे मे शक्ति का संचार तो होगा ही परन्तु गाय के मस्तिष्क को सकेंत मिलते ही वह दूध उतारना व दूध बनाना शुरू कर देगा और ध्यान रहे गाय का पहला दूध बच्चे को ही पिलाये बाहर न फेंके क्योंकि इसमें जीवनदायनी शक्ति होती है इसमें भयंकर रोगप्रतिरोधक क्षमता होती है और जो गर्भकाल मे बच्चे ने गर्भनाल द्वारा भोजन किया है उसका मल बच्चे की आँतों मे जमा रहता है उस मल को यह पहला दूध ढूँढ - ढूँढ कर शरीर से बाहर करके शरीर का शोधनकर शरीर को प्राकृति मे जीवन जीनें योग्य बनाता है ध्यान यह रहे की बच्चे को दो-दो घन्टे बाद थोड़ा - थोड़ा दूध पिलाते रहे इससे बच्चे को शुरूआती दस्त के बाद दस्त नही लगेंगे बच्चा मज़बूत होगा व गाय के मस्तिष्क को बार- बार संकेत जायेगा और वह दूध का अधिक निर्माण करेगा इस क्रिया से गाय का दूध बढ़ेगा । गाय के थन व अर्डर ( जड़ ) को बढ़ायेगी साथ- साथ दूध को भी बढ़ायेगी गाय का बच्चा स्वस्थ व बलिष्ठ होगा । 



1 - गाय का दूध बढ़ाने का एक सरल तरीक़ा यह भी है कि आप एक ऐसा बर्तन ले जिसकी क्षमता 15 लीटर की हो उसमें 10 लीटर पानी डालकर रखें फिर उसमें 1 किलो ढेले वाला चूना लेकर बूझाने के लिए 12 घन्टे के लिए छोड़  दे तत्पश्चात उसके ऊपर आई हुई परत को किसी छलनी से हटाकर शुद्ध - साफ निथरे हुए पानी मे से 250 ग्राम पानी लेकर 3 लीटर साफ पानी में मिलाकर प्रतिदिन गाय को पिलाने से दूध अत्यधिक बढ़ता है।
2 - गाय की चारा खाने वाली नाद मे एक बड़ा ढेला सैंधानमक व एक बड़ा ढेला फिटकरी का रख दे जिससे गाय उसको चाटती रहेगी, नमक के खाने से उसके शरीर मे सोडियम की मात्रा पूरी होगी व फिटकरी के चाटने से दूध मे इन्फैक्शन नही होगा व कभी थन ख़राब नही होगे न ही कभी गाय के थन से ख़ून व मवाद निकलने की समस्या नही आयेगी ।
3 - गाय को दूध बढ़ाने वाले योग देने से पहले उसके पेट के कीड़ों को मारना ज़रूरी है वरना आपकी दवा पर किया ख़र्च बेकार जायेगा और आप कहेंगे कि दवा ने असर नही किया है। तो आप बायबिडंग - 50 ग्राम , कालीजीरी - 200 ग्राम , हींग - 50 ग्राम ,कुटपीसकर छाछ या पानी मे मिलाकर नाल द्वारा पिला दें , हर 20 दिन के अन्तर पर देते रहने से गाय स्वस्थ रहेगी और दूध बढ़ता रहेगा ।

4 - गाय का दूध बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक योग—

शतावर पावडर - 60 ग्राम , सफ़ेद ज़ीरा - 50 ग्राम , सौंफ - 50 ग्राम , अजवायन - 50 ग्राम , मेथीदाना - 50 ग्राम , लहसुन कूटकर - 10 ग्राम , तिल - 50 ग्राम , तुलसीपत्र - 10 ग्राम , मूलहेटी - 10 ग्राम , खसखस - 10 ग्राम , सूआदाना - 10 ग्राम , खजूर - 50 ग्राम , कद्दूबीज - 10 ग्राम , कच्ची हल्दी कूटकर - 50 ग्राम , छोटी पीपल - 5 ग्राम , बिदारीकन्द कूटकर - 60 ग्राम , अदरक कूटकर - 50 ग्राम , उडददाल छिलका सहित - 50 ग्राम , मूँगदाल छिलका सहित - 50 ग्राम , अरहरदाल - 50 ग्राम,  गेहूँ दलिया  - 1000 ग्राम , मक्का - 100 ग्राम, बाजरा - 100 ग्राम , सफेद मखाना - 50 ग्राम ,ब्राउनराईस( भूरा चावल ) - 100 ग्राम , ज्वार - 100 ग्राम ,  तारामीरा - 100 ग्राम , मीठा सोडा - 20 ग्राम , बाजरा - 100 ग्राम , सरसों - 200 ग्राम , बिनौला -100 ग्राम , नारियल तैल - 250 ग्राम ,  मूँगफली तैल - 50 ग्राम , लेकर सभी द्रव्यों को लेकर आवश्यकतानुसार पानी मिलाकर मन्द आँच पर पकाकर ठंडा करके इसमें गुड 250 ग्राम को ताज़े पानी मे घोलकर इस सामग्री मे मिला दे । इस द्रव्य को गाय को सुबह- सायं खिलाना चाहिए इससे अत्यधिक दुग्धवृद्धि होती है तथा गाय भी बलिष्ठ होकर अधिक बार ब्याहती यदि आप इस योग को गाभिन गाय देते है तो गाय का बच्चा तो बलिष्ठ होता ही है पर गाय के थन व जड़ बहुत बडी व सुडौल हो जाती है और गाय दूध के दूध जमा करने क्षमता भी बढ जाती है और गाय अधिक दूध देती है ।

# - इस योग मे यदि कोई दवाई कम रहती है तो कोई बात नही पर शतावर, बिदारीकन्द, नारियल तैल अवश्य रहना चाहिए। इस योग मे सभी दवाई अपने आप मे अकेली- अकेली ही दूध को प्रचूर मात्रा में बढ़ाने मे सक्षम है ।

गाय को लगातार शतावर खिलाने के लाभ -
गाय को शतावर 60 ग्राम , प्रतिदिन देने से गाय के दूध मे शतावर के प्रष्कृति गुण ( शतावर के अवगुण, दोष समाप्त करके केवल गुण ही दूध में देती गाय क्योंकि गाय के शरीर मे यह मैहत्ता है कि गाय यदि ज़हर भी खा ले तो , उसके मरने से पहले आप दूध निकालकर टैस्ट कराने पर गाय के दूध मे ज़हर नही आता है अवगुण नही केवल गुण ही पास करती है दूध मे , गाय को खिलाकर दूध से प्राप्त पर औषधियों के अवगुण समाप्त होकर उसके साईड इफ़ेक्ट ख़त्म हो जाते है। वह माँ है अपने बच्चों का ध्यान रखती है इसी गुण का कारण गाय को माता की उपाधि दी गयी है ।

# - शतावर खिलाने के बाद गाय के दूध के गुण कितने बढ़ जाते है कितनी बीमारियों को शान्त करता है यह विचार करें- -
1 - शतावर दूध पीने से चेहरे के कील मुँहासे दूर करके उनके निशान तक मिटा देता है और चेहरे पर कान्ति लाता है तथा सुन्दरता को बढ़ाता है व महिलाओं के स्तन को बडे- बडे करके सुडौल व रूपवान तो बनाता ही है पर स्तनों की दूध रखने की क्षमता को बढ़ाता है व दूध बढ़ाने का काम करता है व स्तनों को आकर्षक बनाता है ।
2 - शतावर दूध पीने वाले पुरूष व महिलाओं की सुन्दरता मे निखार लाता है साथ ही साथ चेहरे की झाइयों को जड़ से साफ करके चेहरे की चमक बढ़ाता है तथा बढ़ती उम्र के दुष्परिणामों को रोकता है तथा हार्मोन की कमी को पूरा करके बुढ़ापा आने से रोकता है और यह कमज़ोरी दूर करता है तथा शरीर को हष्टपुष्ट करता है चुस्तीफुर्ती का संचार करता है ।
3 - शतावर दूध महिलाओं के 100 प्रकार के रोगों का समूल नष्ट करता है व 100 वर्ष की सुखप्रद आयु देती है इसीलिए इसे शतायु कहते है।
4 - शतावर दूध का सेवन करने से 25 वर्ष तक की आयु के महिला व पुरूषों  का चश्मा उतर जाता है तथा बडी उम्र के रोगियों की आँख का नम्बर बढ़ना बन्द हो जायेगा, आँख से आँसु सुख जाना , आँखें धँसना , आँखें सूखना , आँखों में जलन , आँखें कमज़ोर होना तथा आँखें स्वस्थ करता है।
5 - शतावर दूध पीने से महिलाओं की योनिरोग ( गायनिक प्रोब्लम ) दूर करता है तथा गर्भाशय के सभी रोग दूर करके गर्भाशय को शुद्ध करता है तथा गर्भपूर्व की बीमारियों को ठीक करता है तथा गर्भ गिरने की बिमारी को भी ठीककर के गर्भ में स्थिरता लाता है , बांझपन को ठीक करता है तथा महिला की प्रजनन क्षमता को बढ़ाता है तथा डिलीवरी के बाद शरीर का कृश होना या शरीर का बढ़ने से रोकर वापिस स्थिति मे लाकर सौन्दर्य बढ़ाता है ।

6 - शतावर दूध के पीने से महिला रोग जैसे  मासिकधर्म का रूक जाना व मासिकधर्म की अनियमितता तथा मासिकधर्म के समय या पहले होने वाले दर्द को रोकता है व मासिकधर्म के समय ख़ून का रूक- रूककर आना व ख़ून मे क्लोटस का आना की समस्या व लम्बे समय तक ख़ून के बहने को रोकता है । मासिकधर्म के समय बढ़ने वाले वज़न को भी रोकता है तथा महावारी को नियमित करता है तथा हार्मोन्स को सन्तुलित करता है तथा शरीर को हष्टपुष्ट व बलिष्ठ करता है व चिड़चिड़ापन दूर करते हुए मनप्रसन्न रखता है व मानसिक तनाव , भ्रम , चिन्ता व अवसाद को कम करता है।
7 - शतावर दूध पीने से महिलाओं मे श्वेतप्रदर ( ल्यूकोरिया ) की कैसी भी समस्या है उसको समूल नष्ट करता है धातू को पुष्ट करके कमज़ोरी को दूर करता है यह हड्डियों मे मज्जा को पुष्ट करके हड्डियों को मज़बूत कर उनका विकास करता है ।
8 - शतावर दूध महिलाओं मे स्तनकैन्सर ( ब्रैस्टकैन्सर ) व योनिकैन्सर ( युटरैसकैन्सर ) को भी नही होने देता है यदि है तो उसे बढ़ने से रोकता है।
9 - शतावर मधुर व शीतल रसायन है जो शरीर मे जीवनीशक्ति का संचार करती है इसलिए शतावर दूध पुराने रोगों को जड़ से उखाड़ फेंकता है और अल्सर ,ऐसीडिटी , माइग्रेन , नेत्रज्योति , स्मृति , बुद्धि , नींद न आना , शुक्राणु की कमी , धात गिरना , हाज़मा , टायफाइड , डायरियाँ , मतली , क़ब्ज़ , टाइप टू शुगर , मूत्ररोग , घुटनो व जोड़ो के दर्द , दस्त, पेशाब मे ख़ून आना , बुखार , शरीर मे व हेथेली व पैरों के तलवों में जलन , घाव व नासूर , भूख न लगना , हाई बी पी ,पुरानी सर्दी- ज़ुकाम , चर्मरोग , दाद , खाज , खुजली , दस्त , मरोड़े , हर प्रकार की ऐलर्जी , नपुंसकता आदि रोग मे रामबाण काम करता है ।
10 - शतावर दूध पुरूषों के लिए भी अतिउत्तम टोंनिक है , यह पुरूषों के शरीर मे सौन्दर्य बढ़ाता ही है साथ- साथ उनकी माँसपेशियों को सुडौल बनाता है एक्सरसाइज़ के बाद मैहगे प्रोटीन खाने की ज़रूरत नही पड़ेगी न ही कोई साईडइफैक्ट होगा , चेहरे के कील मुँहासे , झाइयाँ , दाग- धब्बें , व मुँहासों के निशान तक मिटाकर चेहरे को कान्तिमान बनाता है व चेहरे पर लालिमा , चमक ला देता है, शरीर को हष्टपुष्ट कर हड्डियों का विकासकर मज़बूत बनाता है , अधिक वज़न को कम करता है तथा कम वज़न को बढ़ाकर सन्तुलित कर देता है, पेट के रोगों को ठीक करके खाये- पीयें को शरीर में लगाता है व शरीर को आकर्षक बनाता है।
11 - शतावर दूध पुरूष की जननइन्द्री ( लिंग व अण्डकोष ) को बलिष्ठ करता को मज़बूत करता है लिंग की माँसपेशियों मे ताक़त लाकर शुक्राणु को पुष्ट तथा  ताक़तवर  कर उन्हे गतिशील कर शुक्राणु की मात्रा को बढ़ाता है व वीर्य को गाढ़ा कर वीर्य मात्रा को बढ़ाता है व पुरूष की स्तम्भनशक्ति ( टाइमिंग सम्भोगकाल ) को बढ़ाता है , यह कामोद्दीपक होने के कारण कामशक्ति को बढ़ाकर पुरूष का मनोबल बढ़ाता है तथा नपुंसकता को दूर करता है ।

# - यदि गाय इतने काम कि है तो लोग गोपालन क्यों नही करते है।

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