Monday 7 February 2022

 रामबाण – 121

अनानास –

अनानास भूख को बढ़ाने, शक्तिवर्धक, रक्त-पित्त विकार में लाभ पहुंचाने वाला फल है। यह बुखार को कम करता है, कम पेशाब होने की समस्या में लाभ पहुंचाता है। पेट की गैस, दर्द, एसिडिटी और शारीरिक कमजोरी को दूर करता है। इसका पका फल रक्त स्त्राव से जुड़े रोगों को दूर करता है |

अनानास का वानस्पतिक नाम Botanical name अनानास कोमोसस (Ananas comosus (L.) Merr), ब्रोमेलिएसी (Syn-Ananas sativus Schult. & Schult.f.) है,Hindi (pineapple in hindi) – अनन्नास, अनानास , English – Pineapple (पाइनऐपॅल),Sanskrit – बहुनेत्रफला, अनन्नासम् कहते है |अब तक आपने जाना कि अनानास क्या है, और इसे कितने नामों से जाना जाता है |

 

# - एसिडिटी ­- पके हुए अनानास के 10 मिलीग्राम रस में भुनी हुई हींग और 125 मिलीग्राम मिला लें। इसमें सेंधा नमक 250 मिलीग्राम और 250 मिलीग्राम अदरक का रस मिलाएं। इसे रोज सुबह और शाम पीने से एसिडिटी की समस्या से आराम मिलता है।

 

*# -एसिडिटी -  100 मिलीग्राम पके अनानास फल के रस में 65 मिलीग्राम शोरा (पोटैशियम नाइट्रेड), 250-250 मिलीग्राम पिप्पली और हल्दी का चूर्ण मिला लें। इसका सेवन करने से एसिडिटी की समस्या ठीक होती है।

 

**# - दस्त - अनानास के पत्तों का काढ़ा बना लें। इसमें बहेड़ा और छोटी हरड़ का चूर्ण मिला लें। इसका सेवन करने से दस्त पर रोक लगती है।

 

*# - अपच -  अनानास फल के रस का सेवन करने से पाचन-तंत्र संबंधी बीमारियां दूर होती है।

 

*# - अपच - अनानास के पके हुए फल के टुकड़े में सेंधा नमक और काली मिर्च मिला लें। इसे खाने से अपच की परेशानी में आराम मिलता है।

 

                                                                                                         

*# - अपच - 100 मिलीग्राम अनानास के पके फल के रस में 1-2 नग मेवा या मुनक्का मिला लें। इसमें 125 मिलीग्राम सेंधा नमक मिलाकर खाने से अपच की समस्या ठीक होती है।

 

# - अफारा - भोजन के बाद यदि पेट फूल जाए और बैचेनी होने लगे तो अनानास के 50-100 मिलीग्राम रस के सेवन से लाभ होता है।

 

# - भूख कम लगना - भूख कम लगती की समस्या में अनानास रस का सेवन 7-8 दिन तक करें। आप अनानास का सेवन 15-20 दिन तक भी कर सकते हैं। इस दौरान आहार में केवल गाय के  दूध का सेवन करें।

 

*# - मूत्र रोग - आप अनानास के जूस से मूत्र रोग को ठीक कर सकते हैं। इसके लिए अनानास के रस में गुड़ मिलाकर सेवन करें। इससे पेशाब से संबंधित समस्या ठीक होती है।

 

# - पेशाब का कम आना - पेशाब कम होने की समस्या में इच्छानुसार अनानास रस का सेवन करें। आपको  रस का सेवन 7-8 दिन तक करना है। इलाज के समय केवल गाय के दूध का सेवन करना चाहिए।

 

*# - पेशाब बार- बार आना -  अनानास और खजूर के टुकडे़ को बराबर-बराबर लें। इसमें गाय का  घी व शहद विषम मात्रा में  मिलाकर कांच के बरतन में भरकर रखें। इसे रोज 6 या 12 ग्राम की मात्रा में खाने से बार-बार पेशाब आने की बीमारी से छुटकारा  मिलता है।

 

*# - पेशाब का बार-बार आना - अनानास के 100 मिलीग्राम रस में, तिल, हरड़, बहेड़ा, आंवला, गोखरू और जामुन के बीज 10-10 ग्राम मिला दें। इसके सूखा कर चूर्ण बनाकर रखें। इस चूर्ण को सुबह और शाम 3 ग्राम की मात्रा में सेवन करें। इससे बार-बार पेशाब आने की बीमारी ठीक होती है।

# - खाँसी - अनानास फल के 50-100 मिलीग्राम रस निकालें। इसमें 1 ग्राम छोटी कटेरी की जड़ का चूर्ण और 2 ग्राम आंवला चूर्ण मिला लें। इसमें 500 मिलीग्राम जीरे का चूर्ण, तथा शहद मिलाकर सेवन करें। इसके प्रयोग से खांसी में आराम मिलता है।

 

# - खाँसी - पके अनानास फल  के 50-100 मिलीग्राम रस में पिप्पली का जड़, सोंठ और बहेड़े का चूर्ण 2-2 ग्राम मिलाएं। इसमें भुना हुआ सुहागा और शहद मिलाकर सेवन करें। इससे खांसी में लाभ होता है |

 

*# - तिल्ली की समस्या - 100 मिलीग्राम अनानास के पके फल के रस में 65 मिलीग्राम शोरा (पोटैशियम नाइट्रेड), 250-250 मिलीग्राम पिप्पली और हल्दी का चूर्ण मिला लें। इसका सेवन करने से तिल्ली से जुड़ी समस्या ठीक होती है।

 

*# - चोट लगने पर - शरीर के किसी अंग में चोट लगी हो तो आप अनानास से फायदे ले सकते हैं। अनानास फल के रस का लेप करने से चोट ठीक होती है।

 

# - श्वास रोग - अनानास के फल के रस में मुलेठी, बहेड़ा और मिश्री को मिलाकर सेवन करने से सांसों के रोगों में लाभ होता है।

 

# - खाँसी - अनानास फल के 50-100 मिलीग्राम रस निकालें। इसमें 1 ग्राम छोटी कटेरी की जड़ का चूर्ण और 2 ग्राम आंवला चूर्ण मिला लें। इसमें 500 मिलीग्राम जीरे का चूर्ण तथा शहद मिलाकर सेवन करें। इसके प्रयोग से खांसी में आराम मिलता है।

 

# - खाँसी - पके अनानास फल के 50-100 मिलीग्राम रस में पिप्पली का जड़, सोंठ और बहेड़े का चूर्ण 2-2 ग्राम मिलाएं। इसमें भुना हुआ सुहागा और शहद मिलाकर सेवन करें। इससे खांसी में लाभ होता है।

 

# - पीलिया - अनानास के पके फलों के 10-50 मिलीग्राम रस में 2 ग्राम हल्दी का चूर्ण मिलाएं। इसमें 3 ग्राम मिश्री मिलाकर सेवन करें। इससे पीलिया रोग में लाभ (pineapple benefits) मिलता है।

 

# - मधुमेह - अनानास के जूस से डायबिटीज (मधुमेह) को नियंत्रित कर सकते हैं। अनानास के 100 मिलीग्राम रस में, तिल, हरड़, बहेड़ा, आंवला, गोखरू और जामुन के बीज 10-10 ग्राम मिला दें। इसके सूखने पर चूर्ण बनाकर रखें। इस चूर्ण को सुबह और शाम 3 ग्राम की मात्रा में सेवन करें। यह डायबिटीज (मधुमेह) में अत्यन्त लाभ पहुंचाता है। इस दौरान उचित आहार का सेवन करना चाहिए|

*# - बच्चो के पेट के कीड़े - अनानास के पके फल के रस में छुहारा, खुरासानी अजवायन और वायविडंग का चूर्ण को बराबर-बराबर मात्रा में मिलाएं। इसमें थोड़ा-सा शहद मिला लें। इसे 1-2 ग्राम की मात्रा में चटाने से बच्चों के पेट के कीड़े की समस्या खत्म हो जाती है।

 

*# - पेट के कीड़े - अनानास के पत्तों के रस में थोड़ा शहद मिलाएं। इसे रोज 2 मिलीग्राम से 10 मिलीग्राम तक सेवन करने से पेट के कीड़े खत्म हो जाते हैं।

 

*# - पेट के कीड़े - कच्चे फल के रस का सेवन करने से पीटे के कीड़े की बीमारी ठीक होती है।

 

# - पेट दर्द - पके हुए अनानास के 10 मिलीग्राम रस में भुनी हुई हींग और 125 मिलीग्राम मिला लें। इसमें सेंधा नमक 250 मिलीग्राम और अदरक का रस 250 मिलीग्राम मिलाएं। इसे रोज सुबह और शाम पीने से पेट के दर्द से आराम मिलता है।

 

*# - उदर रोग - 100 मिलीग्राम पके अनानास फल के रस में 65 मिलीग्राम शोरा (पोटैशियम नाइट्रेड), 250-250 मिलीग्राम पिप्पली और हल्दी का चूर्ण मिलाकर सेवन करने से पेट से जुड़े रोग ठीक होते हैं।

 

*# - पेट के वताविकार - अनानास के रस में गुड़ मिलाकर सेवन करने से पेट के वात विकार नष्ट होते हैं।

 

*# - पेट में यदि बाल चला जाये -  पेट में यदि बाल चला गया हो तो अनानास खाने से वह गल जाता है।

 

*# - जलोदर - अनानास के पत्तों के काढ़ा में बहेड़ा और छोटी हरड़ का चूर्ण मिला लें। इसका सेवन करने से पेट में पानी भर जाने की परेशानी ठीक होती है।

 

*# - मासिक धर्म - अनानास के कच्चे फलों के 10-50 मिलीग्राम रस में, पीपल की छाल का चूर्ण मिलाएं। इसमें गुड़ 1-1 मिलीग्राम मिलाकर सेवन करने से मासिक धर्म की रुकावट दूर होती है।

 

*# - मासिक धर्म - इसके साथ ही 40-60 मिलीग्राम अनानास के पत्ते का काढ़ा बनाकर पीने से भी मासिक धर्म की रुकावट दूर होती है।

 

# - योन रोग - अनानास के कच्चे फलों को उबालकर सेवन करें। यह यौन रोग में लाभ पहुंचाता है।

 

# - कुष्ठ रोग - कुष्ठ रोग में भी अनानास के जूस के फायदे (pineapple juice ke fayde) मिलते हैं। अनानास के ताजे फल के रस का लेप करने से कुष्ठ रोग और त्वचा रोगों में लाभ होता है।

 

*# - शोथ -  शरीर के किसी अंग में सूजन की समस्या हो तो अनानास फल के रस का लेप करने से सूजन ठीक होती है।

 

*# - आखों की या शरीर के किसी भी अंग में सुजन - आंखों के आगे या शरीर के किसी अंग में सूजन हो तो आप अनानास का उपयोग करें। अनानास रस का सेवन 7-8 दिन तक करने से लाभ होता है। 15-20 दिन में पूरा लाभ होता है। आहार में केवल गाय के  दूध का सेवन करें।

 

*# - सूजन - अनानास के पत्तों पर एरंड का तेल लगा कर थोड़ गर्म कर लें। इसे सूजन वाले अंग पर बांध दें। इस प्रयोग से पांव की सूजन ठीक हो जाती है।

 

*# - बुखार - अनेक लोगों को मौसम के बदलाव के कारण बुखार की समस्या हो जाती है। अनानास का औषधीय गुण इस कष्ट से राहत दिलाने में मदद करता है। अनानास के फल रस में शहद मिलाकर पीने से बुखार ठीक होता है।

 

# - टी .बी . रोग -  टीबी रोग या तपेदिक में अनानास के जूस का सेवन फायदेमंद होता है क्योंकि एक रिसर्च के अनुसार अनानास में एंटी ट्यूबरक्लोसिस एक्टिविटी पायी जाती है जिसके कारण अनानास का जूस टीबी में फायदेमंद होता है। 

 

# - किडनी रोग व स्टोन -किडनी की बिमारियों में अनानास का सेवन फायदेमंद हो सकता है, विशेष रूप से किडनी में स्टोन होने पर अनानास के जूस का सेवन स्टोन को निकालने में मदद करता है। 

 

# -धुम्रपान के साइड इफेक्ट - धूम्रपान के साइड इफेक्ट्स से होने वाली समस्या जैसे अस्थमा आदि से बचने के लिए अनानास का सेवन फायदेमंद हो सकता है क्योंकि इसमें विटामिन-सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर धूम्रपान के साइड इफेक्ट्स को कम करने में मदद करता है। 

 

# - खून की कमी - खून की कमी को दूर करने में अनानास का सेवन फायदेमंद हो सकता है क्योकि अनानास का सेवन आयरन के अवशोषण को बढ़ा देता है जो कि शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा में वृद्धि कर खून की कमी को दूर करने में मदद करता है।

 

# - डिप्थीरिया रोग - अनानास का सेवन डिप्थीरिया रोग के लक्षणों को भी कम करने में सहायक होता है क्योंकि इसमें विटामिन -सी के साथ -साथ ब्रोमलेन पाया जाता है जो कि चेस्ट कंजेशन को दूर करने में मदद करता है। 

*# - एनिमिया  रोग - अनानास का सेवन एनीमिया के लक्षणों को दूर करने में भी सहायक होता है क्योंकि ये आयरन के अवशोषण को बढ़ा देता है जो कि शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा में वृद्धि कर एनीमिया के लक्षणों को दूर करने में मदद करता है।

 

# - किडनी की पथरी - किडनी की  पथरी में अनानास का  सेवन फायदेमंद हो होता है। जो कि पथरी को निकालने में मदद करता है।  इसके लिए अनानास के जूस का सेवन करें|

 

*# - कैंसर से बचाव   -  कैंसर से बचाव के लिये अनानास का सेवन एक अच्छा उपाय हो सकता है क्योंकि अनानास में पाये जाने वाला विटामिन-सी कैंसर से बचाव करने में मदद करता है। 

 

# - लीवर वृद्धि - कोई मरीज लिवर की वृद्धि से परेशान है तो उसे अनानास रस का सेवन 7-8 दिन तक करना चाहिए। इससे लाभ होता है। अगर आप 15-20 दिन तक अनानास के रस का सेवन करते हैं तो और भी उत्तम होता है। उपचार के समय केवल गाय का  दूध पिएं।

 

# - हृदय रोग - अनानास के पके फलों के टुकड़े करके एक दिन चूने के पानी में रख लें। इसे सुखाकर, शक्कर की चासनी में डालकर मुरब्बा बना लें। इसका सेवन करने से ह्रदय स्वस्थ बनता है।

 

# - हृदय रोग - अनानास का शर्बत (रस 1 भाग, चाशनी 2 भाग) भी पित्त को शान्त करने वाला, और हृदय को बल देता है।

 

*# - अनानास के पत्ते का रस पेट को साफ करता है, और पेट के कीड़ों को खत्म करता है।

 

*# - यह स्त्रियों में मासिक धर्म को ठीक करता हैलेकिन अगर इसका सेवन अधिक मात्रा में किया गया तो गर्भ गिर सकता है।

 

# - अनानास से ये नुकसान हो सकते हैं-

 

# -अनानास का अत्यधिक मात्रा में प्रयोग कंठ के लिए हानिकारक होता है।अनानास अधिक खाने से नुकसान होने की स्थिति में  नींबू का रस, चीनी, अदरक का रस का सेवन करना चाहिए।

 

 

 

No comments:

Post a Comment