Friday 25 July 2014

१०- गौ - चिकित्सा.अलस ।

१०- गौ - चिकित्सा.अलस ।

############## अलस #############

-- ( अलसी , बर्रे या ज्वार - चारा - विष )

जब कोई पशु अलसी , बर्रे या ज्वार की विषैली चेरी ज़्यादा मात्रा में खा लेता हैं तो उसे एक प्रकार का नशा आ जाता है । वह खाना -पीना छोड़ देता है । वह जूगाली नहीं करता और पागल - सा होकर मर जाता हैं ।

१ - औषधि - - जलजमनी (बछाँग) ४८० ग्राम , पानी ९६० ग्राम , बछाँग को महीन पीसकर पानी में मिलाकर लगभग दो- दो घन्टे में आराम होने तक देते रहना चाहिए , आराम होगा । रोगी पशु को खुब नहलाना चाहिऐ और पानी से भीगे थैले को उसकी पीठ पर रखना चाहिऐ ।

२ - औषधि -- गुड़ ४८० ग्राम , गाय के दूध से बनी छाछ १९२० ग्राम , हमें छाछ को लेकर गुड़ में मिलाकर रोगी पशु को पिलाना चाहिऐ । यही खुराक रोगी पशु को आराम होने तक तीन-तीन घन्टे के बाद पिलानी चाहिऐ ।

आलोक -- गर्मी में जो चेरी बोयी जाती है , उसमें विष हो जाता है । उसको खाने से पशु मर जाता है । इसलिए ऐसी चेरी को तभी खिलाना चाहिए , जब उस पर अच्छी मात्रा में वर्षा का दो-तीन बार पानी गिर जायें, जिससें उसका विष धुल जाये । सबसे पहले चेरी को बूढ़े पशु को खिलाना चाहिए , क्योंकि अगर चेरी में विष भी हुआ तो बुढें को ही नुक़सान होगा और पता भी चल जायेगा चेरी में विष है या नहीं, जाँच पड़ताल करने के बाद ही चारे का प्रयोग करना चाहिऐ ।
#~ कभी -कभी वर्षा में बोयी हुई ज्वार लगभग १ फ़ुट उग आने के बाद खुरड़ होना ( पानी न गिरने ) से वह पौधा कुम्हला जाता है और सूखने पर उसमें विष पैदा हो जाता है । उसे खिलाने से पशु मर जाते है ।
#~ बर्रे में भी विष होता है। दो - तीन बार अच्छी मात्रा में पानी गिरने के बाद उसका विष धुल जाता है। फिर उसे पशु को खिलाना चाहिऐ।
#~खजेड़ा ( संफेद कीकर ) में जो काले - काले रंग की फलियाँ आती है , उसमें भी विष रहता है,उसे भी नही खिलाना चाहिए। खजेडे की हरे रंग की फलियाँ खिलानी चाहिए, पहले तो पशु को हरी फलियाँ एक पौण्ड खिलायें। फिर मात्रा बढ़ाये । तीसरे दिन २ पौण्ड खिलाये। इस हिसाब से मात्रा बढ़ानी चाहिए , क्योंकि धीरे- धीरे खिलाने से वह आहार में आ जाता है तथा उससे नुक़सान नहीं होता। इससे दूधारू पशु बहुत अधिक दूध देता है और बिना दूध के पशु बहुत तगड़े हो जाते है ।
#~ अफ़ीम के पौधे और डोंडियों को भी नही खिलाना चाहिए, क्योंकि उसमें भी विष रहता है । उसको गड्ढे में दबा देना चाहिए या जला देना चाहिए ।


Sent from my iPad

No comments:

Post a Comment