(११)- गौ - चिकित्सा - उल्टी( वमन) होना ।
उल्टियाँ ( वमन ) होना
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कारण व लक्ष्ण - इस रोग में जुगाली किया हुआ चारा पेट की ख़राबी के कारण पशु निगल नहीं पाता हैं , जिसके कारण पशु सामने चारा होते हुए भी खाने में लाचार हो जाता है यह रोग ख़राब पेट व खराब चारा खाने से होता हैं ।
१ - औषधि :- गाय का दूध १ लीटर , गाय का घी २५० ग्राम , दोनों को आपस में मिलाकर गरम करके गुनगुना - गुनगुना पशु को नाल द्वारा पिलाने तुरन्त लाभकारी सिद्ध होता है यह अनुभूत फ़ार्मुला हैं ।
२ - औषधि - अरण्डी का तेल २५० ग्राम , गाय का दूध २५० ग्राम , या गरम पानी में मिलाकर नाल द्वारा पिलाने से लाभ होता है ।
इस राग से पिडित पशु को तीनदिन तक खाने को नहीं देना चाहिए , इसके बाद पशु को हरी - हरी मुलायम घास व हल्का चारा देना चाहिए ।
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