Wednesday, 28 April 2021

रामबाण :- 43 -:

रामबाण :- 43 -:

नारियल का वानास्पतिक नाम Cocos nucifera Linn. (कोकस् न्यूसीफेरा) Syn-Calappa nucifera (Linn.) Kuntze; Cocus indica Royle होता है। नारियल Arecaceae  (ऐरेकेसी) कुल का  होता है और इसको अंग्रेजी में Coconut (कोकोनट) कहते हैं।

#- सिरदर्द - नारियल पानी (5-10 मिली) को पीने से सिरदर्द, सूर्यावर्त्त तथा अर्धावभेदक आदि बीमारियों से राहत मिलती है।

#- सिरदर्द - 100 मिली नारियल के दूध में 1 ग्राम कट्फल चूर्ण मिलाकर, उबालकर मावा समान गाढ़ा बनाकर, गौघृत में भून कर तथा मिश्री, बादाम, केसर आदि डालकर सेवन करने से सिर दर्द कम होता है।

#- गंज - नारियल तेल को स्कैल्प पर नियमित रूप से लगाने से नए बालों के आने की संभावना बनती है।



#- माइग्रेन - नारियल के पानी को प्रात:काल नाक से 10-20 मिली लेने से अर्धावभेदक या माइग्रेन में लाभ होता है।


#- गले के रोग व अल्सर - नारियल के जड़ का काढ़ा बनाकर गरारा करने से गले के घाव शीघ्र भर जाते हैं।

#- रोहीणी रोग में प्यास - रोहिणी (Diptheria) में जो प्यास लगती है उसमें कच्चे नारियल जल का सेवन करने से प्यास लगने का अनुभव कम होता है।


#- हिक्का रोग - नारियल की जटा की 65 मिग्रा भाग को पानी में घोलकर उस पानी को छानकर पिलाने से हिचकी बन्द होती है।


#- हृदय रोग - एक नारियल के जल से सत्तू 10-20 ग्राम को घोलकर उसमें मिश्री मिलाकर पीने से पित्त-रोग तथा हृदय रोगों में लाभ होता है एवं शरीर के कंपन, प्यास, बेहोशी और भ्रम जैसे लक्षणों से राहत मिलती है।


#- उल्टियाँ - नारियल के काढ़े में मिश्री, मधु तथा पीपल का चूर्ण मिला कर सेवन करने से पित्त के कारण जो उल्टी होती है उसमें शीघ्र लाभ मिलता है।
 
# - कृमिरोग - नारियल जड़ से बने काढ़े में हींग डालकर पीने से पेट के कृमि ( कीड़े ) दूहोतहै।


#- भूख कम लगना व दस्त - नारियल जल का सेवन करने से भूख कम लगने की बीमारी, दस्त एवं प्रवाहिका से राहत मिलती है।
 
#- मूत्रकृच्छ - नारियल पुष्प के 1-2 ग्राम के सूक्ष्म चूर्ण को गाय के दूध अथवा दही के साथ सेवन करने से मूत्रकृच्छ्र में लाभ होता है। इसके अलावा कच्चे नारियल (डाभ) के जल का सेवन करने से मूत्रकृच्छ्र तथा मूत्र संबंधी रोग का शमन होता है। जड़ का काढ़ा तथा नारियल के भीतर के अंश का सेवन भी मूत्रकृच्छ्र में लाभप्रद होता है।
 
#- किडनी सूजन - डाभ (कच्चे नारियल) के जल 10 ग्राम का सेवन करने से किडनी की सूजन कम होती है।
 
#- गर्भाशय का दर्द - गर्भाशय में दर्द हो तो नारियल की गिरी 10 ग्राम खिलाने से मां को दर्द से जल्दी आराम मिलने में आसानी होती है।
 
#- घाव - पुराने नारियल के तेल का लेप करने से घाव भर जाता है। अल्सर के दर्द से आराम पाने में नारियल के तेल का इस्तेमाल करने से जल्दी राहत मिलता है।
 
#- कील- मुँहासे व झाइयाँ - कच्चे नारियल (डाभ) के जल से चेहरे को धोने से मुँहासे, पिड़िका तथा झाँईयां कम होती है एवं मुख की कान्ति यानि चेहरे का ग्लो बढ़ता है। चेहरे के लिए नारियल पानी का लाभ दाग-धब्बों को दूर करने में मिलता है।


#- चेचक रोग - कच्चे नारियल के जल से सिक्त रूई के फाहों को स्मॉल पॉक्स पर रखने से तथा नारियल जल से ही धोने से धीरे-धीरे दाने कम होते हैं तथा दाग कम होते हैं। नारियल पानी के फायदे से चेचक का उपचार करने से लक्षणों से राहत मिलने में आसानी होती है।


#- चोट- मोच - पुराने नारियल की गिरी 10 ग्राम को बारीक कूटकर उसमें एक चौथाई पिसी हुई हल्दी मिलाकर चोट तथा मोच में लगाने से लाभ होता है।
 
#- बुखार - ताज़ा नारियल गिरि का रस 10 मिली निकाल कर, रात में पीने से जीर्ण-ज्वर या बुखार कम होता है।

#- सूजन - पुष्प कल्क से निकाले तेल अथवा पुष्प कल्क मिश्रित तेल का लेप करने से सूजन कम होता है।
 
#- आँतों के कीड़े - नारियल गिरी 10 ग्राम का सेवन आपकी कीड़ो की समस्या को दूर करता है क्योंकि इसमें एंटी पैरासिटिक का गुण होता है जिस कारण यह ये  आंत के कीड़ो को निकाल ने का कार्य करता है। 
 
#- नकसीर - पित्त की वृद्धि के कारण नकसीर जैसी परेशानी सामने आती है। ऐसे में नारियल में पित्त शामक गुण पाए जाने के कारण नारियल गिरी 10 ग्राम नित्यप्रति खाने से यह नकसीर में मदद करता है। 
 
#- रोग प्रतिरोधक क्षमता - नारियल ( गिरी 10 ग्राम व जल 10-20 मिली )में पाचन को मजबूत करने तथा बल्य गुण पाए जाने के कारण यह इम्युनिटी को भी स्वस्थ रखने में सहयोगी होता है। 
 
#- पथरी - एक रिसर्च के अनुसार नारियल गिरी ( 10 ग्राम ) में एंटी कोलीसिस्टिक गुण पाए जाने के कारण यह स्टोन की स्थिति में भी लाभ पहुंचाता है। 
 
#- दो मुँहे बाल - नारियल में केश्य गुण होने के कारण बालों की सभी समस्या दूर होती हैं, साथ ही बालों में चमक एवं मजबूती आती है। नारियल गिरी ( 10 ग्राम ) का उपयोग नियमित रूप से प्रयोग करना चाहिए।तथा सिर में नारियल तैल लगायें ।
 
#- बालों की रूसी - डैंड्रफ का मुख्य कारण वात दोष का बढ़ना माना जाता है, जिसके वजह से बाल रूखे हो जाते हैं और जिसके कारण रूसी उत्पन्न होते हैं। नारियल गिरी ( 10 ग्राम व जल 10-20 मिली ) में वात शामक एवं स्निग्ध गुण होने के कारण यह डैंड्रफ को खत्म करने में भी मदद करते हैं। 


#- पाचक गुण - पाचन तंत्र को मजबूत करने के लिए नारियल गिरी (10 ग्राम ) में उष्ण एवं दीपन गुण पाया जाता है जो कि अग्नि को बढ़ाकर  कर पाचन को मजबूत करने में मदद करता है। 
 
#- दांतरोग - नारियल में उपस्थित तेल 10-20 मिली का प्रयोग दांतो की समस्या का एक कारगर इलाज है जो की दांतो की आम समस्या जैसे प्लाक को हटाकर  दांतो को स्वस्थ बनाये रखने में मदद करता है





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