रामबाण योग :- 51 -:
#- नींबू जंबीरी का वानास्पतिक नाम Citrus limon (Linn.) Burm.f. (सिट्रस लिमन) Syn- Citrus medica Linn. var. limonum; Citrus pseudolimon Tanaka होता है। इसका कुल Rutaceae (रूटेसी) होता है और इसको अंग्रेजी में Lemon (लैमन) कहते हैं। चलिये अब जानते हैं कि इसे नींबू जंबीरी क्यों कहते है। इसका फल विरेचक, कृमिनाशक, पूयरोधी (एंटीसेप्टिक); तृष्णा या प्यास, अजीर्ण या बदहजमी, विसूचिका (dysentery), अतिसार या दस्त, श्वास या सांस, आध्मान (Flatulance), आमवात या गठिया, वातरक्त या गठिया, आमातिसार (Diarrhoea)या , प्रतिश्याय (Coryza), शूल या दर्द, विबन्ध या कब्ज, या छर्दि या उल्टी होता है। यह अम्ल, मधुर, गर्म, गुरु, तीक्ष्ण, कफवातशामक तथा पित्तवर्धक होता है। यह दीपन, रुच्य, सुगंधित, पाचन, विबन्ध या कब्ज, शूल या दर्द, कास या खांसी, छर्दि या उल्टी, तृष्णा या प्यास, आमदोष , श्वास या सांस, हृदय की पीड़ा, कृमि होता है। नींबू जंबीरी के पत्ते तीखे तथा वातकफ से आराम दिलाता है।जम्बीरी नींबू का आचार तथा आसव बनाने में किया जाता है जम्बीरीद्रव्य नाम से पेट के रोगों के लिए बहुत अच्छा आसव (बनता )आता है।
#- कान दर्द - दर्द में कोई उपचार काम नहीं दे रहा है तो जम्बीर नींबू के रस से सिद्ध तेल को 1-2 बूँद कान में डालने से कान दर्द से आराम मिलता है।
#- घृताजीर्ण - घृतजन्य अजीर्ण की चिकित्सा हेतू 5-10 मिलीग्राम जम्बीर नींबू फलस्वरस का सेवन हितकर होता है।
#- एसिडिटी -एसिडिटी से परेशान रहते हैं? तो नींबू जंबीरी का सेवन इस तरह से करने पर जल्दी आराम मिलता है। पके जम्बीर फल के रस (5-10 मिली) का सेवन करने से अम्लपित्त, आमातिसार या अजीर्ण या अपच में लाभ होता है।
#आमातिसार - 5-10 मिलीग्राम जम्बीर फल स्वरस को पिलाने से आमातिसार का शमन होता है।
#-अजीर्ण - 5-10 मिलीग्राम जम्बीर फल के रस में लवण या कालानमक मिलाकर सेवन करने से अजीर्ण तथा अरुचि के इलाज में लाभ मिलता है।
#- खसरा - मसूरिका या चेचक की प्रारम्भिक अवस्था में जम्बीरी नींबू के फलस्वरस में गुड मिलाकर सेवन करने से खसरा, चेचक के कष्ट से आराम दिलाने में मदद मिलती है।
#- दद्नु , रिंगवर्म - अगर बार-बार रिंगवर्म निकल रहा है और इस परेशानी से छुटकारा नहीं मिल रहा है तो जम्बीर फल के रस 5-10 मिलीग्राम में नमक मिलाकर लगाने से दद्रु या रिंगवर्म से आराम मिलता है।
#- स्कर्वी , त्वचा विकार - 10 मिली जम्बीर फल के रस में 100 मिली पानी मिलाकर गरारा करने से शीताद् , स्कर्वी आदि त्वचा संबंधी समस्याओं में लाभ होता है।
#- ज्वर - ज्वर से छुटकारा पाना चाहते हैं तो नींबू जंबीरी नींबू के शीतल मधुर रस 5-10 मिलीग्राम सुबह सायं सेवन करने से बुखार से आराम मिलता है।
#- ज्वर -बुखार और अन्य प्रदाहिक दर्दों , पीड़ाओं में 5-10 मिलीग्राम जम्बीरी नींबू के फलरस को शर्बत के साथ पिलाने से लाभ मिलता है।
#- साइटिका - 5-15 मिली फल के रस में 65 मिग्रा यवक्षार तथा शहद मिलाकर सेवन करने से पार्श्वशूल, गृध्रसी या साइटिका, कटिशूल या कमरदर्द तथा नितम्बसंधि की दर्द से आराम मिलती है।
Sent from my iPhone
No comments:
Post a Comment