Sunday, 13 July 2014

७- गौंसंहिता - गौदुग्ध

७- गौंसंहिता
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१. गौदुग्ध दूग्ध में देवी तत्वों का वास है ।गाय के दूध में अधिक से अधिक तेज तत्व है ।प्रकृति सात्विक बनती है ।व्यक्ति के प्राकृतिक विकार एंव विकृति दूर होती है ।असामान्य और विलक्षण बुद्धि आती है ।

२.गाय की पाचनशक्ति श्रेष्ठ है ।अगर कोई जहरीला पदार्थ खा लेती है तो उसे आसानी से पचा लेती है फिर भी उसके दूध में जहर का कोई असर नहीं होता है ।डाॅ पीपल्स ने गोदुग्ध पर किये गये परीक्षणो में यह भी पाया कि यदि गाय कोई विषैला पदार्थ खा जाती है तो भी उसका प्रभाव उसके दूध में नहीं आता ।उसके शरीर में सामान्य विषों को पचाने की अदभूत शक्ति है

३.गौदूग्ध से बनी व अन्य व्यन्जन बच्चो को खिलाने से उनमे तन्दुरूस्ती व चूस्तीफूर्ती बनी रहेगी,और मोटापा भी नहीं सतायेगा औरनिरोगी रहकर हंसीखुसी से अपना जीवन यापन करेगे ।

४.गौदुग्ध बड़ों व बच्चों में स्फूर्तिदायक,तृप्ति ,दिप्ति,प्रीति,सात्विकता ,सौम्यता,मधुरता,प्रज्ञा व और आयुष्मान बढ़ाने वाला है ।वह पूर्णरूपेण सर्वमान्य,सर्वप्रिय,अमृत तुल्य दूग्धाहार है ।

५.गाय का ताज़ा दूध तृषा,दाह,थकान मिटाने वाला और निर्बलता में विषेश उपयोगी है ।गौदुग्ध बुखार ,सर्दी,चर्मरोग ,प्रमाद(आलस्य) निंद्रा,वात,पित्तनाशक है ।

६.भारतीय संस्कृति ग्राम संस्कृति है,गौसंस्कृति है ।गौपालन,गौसंवर्धन,गौरक्षण,गौपूजन और गोदानभारतीयता की पहचान है ।कृषि की खोज में गाय के गोमय(गोबर)'गौमूत्र ने किसान को जीवनदान दिया है ।

७.गाय और गौदुग्ध ने अहिंसा के विकास में अत्यन्त महत्वपूर्ण योगदान दिया है ।गौदुग्ध में सात्विक तत्वों व पंचक तत्वों की प्रचुरता है ।

८.काली गाय का दूध त्रिदोषशामक और सर्वोत्तम है ।शाम को जंगल से चर कर आई गाय का दूध सुबह के दूध से हल्का होता है ।

९.सद्बुद्धि प्रदान करने वाला गौदुग्ध तुरन्त शक्ति देने वाले द्रव्यों में भी सर्वश्रेष्ठ माना गया है ।गौदुग्ध में पी.एच.अम्ल और चिकनाहट कम है ,जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है ।

१०.गौदुग्ध में २१ एमिनो एसिड है जिसमें से ८स्वास्थय की दृष्टि बहुत उपयोगी है विद्यमान सरि-ब्रोसाडस दिमाग़ एंव बुद्धि के विकास में सहायक है ।केवल गौदुग्ध में स्ट्रानटाइन तत्व है जो आण्विक विकारों के प्रतिरोधक है ।


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