Sunday 23 May 2021

रामबाण योग :- 98 -:

रामबाण योग :- 98 -:

जंगली बादाम-

बादाम के बारे में तो हम सभी जानते हैं और इसके फायदों को देखते हुए रोजाना इसका सेवन भी करते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि जंगली बादाम भी उतना ही फायदेमंद है? आयुर्वेदिक विशेषज्ञों का कहना है कि जंगली बादाम की पत्तियों के रस से तैयार मलहम त्वचा और कुष्ठ रोगों के इलाज में बहुत कारगर है। इस लेख में हम आपको जंगली बादाम के फायदे, उपयोग और औषधीय गुणों के बारे में बता रहे हैं। जंगली बादाम का पौधा समुद्र तटीय इलाकों में ऊंचाई पर पाया जाता है। जंगली बादाम के फल चपटे, नुकीले-अण्डाकार होते हैं और इनके किनारे लाल और बैगनी रंग के होते हैं। इसके प्रत्येक फल में एक बीज होता है। साल के हर सीजन में इसमें फल और फूल उगते रहते हैं। जंगली बादाम का वानस्पतिक नाम Terminalia catappa Linn. (टर्मिनेलिया कैटेप्पा) Syn-Terminalia latifolia Blanco; Catappa domestica Rumph है और यह Combretaceae (कॉम्ब्रेटेसी) कुल का पौधा है.,Sanskrit : क्षुद्रवाताम, ग्रहद्रुमा, Hindi : देशी बादाम, जंगली बादाम कहते है। जंगली बादाम अम्ल, मधुर, कषाय, शीत तथा पित्तशामक होता है।यह मलरोधक, कफ तथा शुक्रवर्धक होता है। इसकी छाल, पत्र तथा कच्चे फल स्तम्भक, मृदुविरेचक, पाचक, मूत्रल, स्वेदल तथा पूयरोधी होते हैं। इसके बीज पोषक, मधुर, तिक्त तथा स्तम्भक होते हैं। इसके फल अम्ल, मधुर, पोषक, पाचक, तीक्ष्ण, शैत्यकारक, वाजीकर, पित्तशामक तथा आंतों के लिए हितकर होते हैं। इसके फल मधुमेहनाशक क्रियाशीलता प्रदर्शित करते हैं। आयुर्वेद के अनुसार जंगली बादाम पित्तशामक होता है अर्थात यह पित्त को कम करने में मदद करता है साथ ही यह आंतों के लिए भी बहुत उपयोगी है।

#- सिरदर्द - जंगली बादाम की पत्तियों का रस नाक में 1-2 बूँद डालने से या 10-12 मिलीग्राम पीने से सिरदर्द में आराम मिलता है। 

#- सिरदर्द - जंगली बादाम की गिरी को सरसों के तेल के साथ पीसकर सिर पर लगाने से भी सिर का दर्द दूर होता है।

#- दस्त - जंगली बादाम की पत्तियों और छाल क्वाथ पीने से लाभ होता है क्योकि जंगली बादाम में टैनिन नामक तत्व पाया जाता है जो दस्त को रोकने में मदद करता है।

#- पेटदर्द - जंगली बादाम की पत्तियों के रस की 5 एमएल  मात्रा लें और इसमें काला नमक मिलाकर इसका सेवन करें। इसे पीने से पेट दर्द से आराम मिलता है।


#- गठिया रोग - जंगली बादाम की पत्तियों को पीसकर जोड़ों पर लगाएं। इसे नियमित रूप से लगाने से गठिया के दर्द से आराम मिलता है।

#- घाव - जंगली बादाम की पत्तियों और छाल को पीसकर घाव पर लगाने से घाव जल्दी ठीक होते हैं।

#- कुष्ठ रोग - जंगली बादाम की पत्तियों और छाल को पीसकर कुष्ठ पर लगाने से कुष्ठ रोगों में भी यह उपाय कारगर है।


#- ज्वर - जंगली बादाम की तने की छाल का 10-12 ग्राम काढ़ा बनाकर पीने से बुखार में आराम मिलता है।




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